Wednesday 25 May 2022

मुक्ति

 देह उष्मा का आगार है.

जीवन......

जलते रहने, तपते रहने का नाम है.

(98डिग्री फ़ारेनहाइट पर.)


हर उष्ण पिंड अपनी तपिश से मुक्ति चाहता है.


मेरी ख्वाहिशों की,

तुमसे सारी गुज़ारिशों की,

मूल वजह यही है शायद.


ब्रजेश

२५/०५/२०१५

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