Friday 17 February 2012

ग़ज़ल


तेरे दिल तक मेरे दिल की बात पहुँचे,
कुछ जबाबात पहुँचे,कुछ सवालात पहुँचे.
तेरे हिज्र में बहुत रूलाती हैं रातें,
मेरे आसुओं से भींगी बरसात पहुँचे.
नाम तेरा ज़ुबाँ पर,नज़र में तस्वीर तेरी,
मेरा अक्स तुम तक पहुँचे,मेरे हालात पहुँचे.
तेरे बगैर जीने का रहा ना कोई मतलब,
मेरी बेबसी पहुँचे,मेरे ख्यालात पहुँचे.
चलो आसमाँ के पार भी है जहाँ कोई,
हम पहुँचे,तुम पहुँचो,तारों की बारात पहुँचे.

ब्रजेश
08/07/2004

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